दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है, यह बात रियो पैरालंपिक में भाग लेने वाले टेबल टेनिस खिलाड़ी 41 वर्षीय इब्राहिम अमातो ने साबित की है। इब्राहिम के दोनों हाथ नहीं हैं एक रेल दुर्घटना में उन्होंने अपने दोनों हाथ खो दिए थे। बावजूद इसके उनका टेबल टेनिस से लगाव खत्म नहीं हुआ। तमाम परेशानियों के बावदूद वह आज भी बिना हाथों से टेबल टेनिस खेलते हैं और रियो पैरालंपिक खेलों में अपने देश मिस्र ( इजिप्ट) का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
जब वह दस साल के थे तो एक रेल दुर्घटना में उनके दोनों हाथ कट गए। उस समय वह अपने गांव में टेबल टेनिस और फुटबॉल खेला करते थे। उनके मामले में फुटबॉल खेलना उनके पास एक मात्र विकल्प था लेकिन उन्होंने टेबल टेनिस खेलने को एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया।
साल 2014 में वर्ल्ड टीम टेबल चैंपियनशिप के दौरान उन्हें विश्व के सर्वश्रष्ठ खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिला तो उन्होंने हर किसी को अपने प्रदर्शन और कौशल से दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर कर दिया। हर कोई उनकी प्रतिभा का कायल हो गया। उनका प्रदर्शन अद्भुत और अकल्पनीय था। कोई भी इस बात पर यकीन नहीं कर पा रहा था कि टेबल टेनिस जैसे खेल को कोई मुंह में रैकेट पकड़कर खेल सकता है।
टेबल टेनिस में गेंद को सर्व करने से पहले उसे उछालना पड़ता है। इसके लिए इब्राहिम अपने पैर की मदद लेते हैं। वह पैर से गेंद को उछालते हैं फिर मुंह में रैकेट पकड़कर गेंद को मारते हैं।
एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया था कि उन्होंन पहले रैकेट को अपनी कांख में दबाकर टेबल टेनिस खेलने की कोशिश की लेकिन वह असफल रहे। इसके अलावा भी उन्होंने और कई तरीके अपनाए, लेकिन पैर और मुंह का कॉम्बिनेशन उनके लिए क्लिक किया और वह उस चुनौती को पार कर गए जो एक आम आदमी के लिए लगभग असंभव थी।
उन्होंने साक्षात्कार में बताया कि मेरे जीवन की उपलब्धियां दो भागों में विभाजित हैं। मेरे जीवन की सबसे अनमोल चीज मेरी पत्नी है। वह मेरे लिए सब कुछ है। दूसरा भाग टेबल टेनिस है जिसने मुझे जिंदगी में बहुत सफलता दिलाई। यहां सबसे अच्छी बात है कि मुझे अपने स्कोर किए प्रत्येक प्वाइंट की सफलता मनाता हूं। उनका मानना है कि यदि आप कठिन परिश्रम करते हैं तो कुछ भी असंभव नहीं है। वह मानते हैं कि यदि उन्हें एशियाई और यूरोपीय देशों जैसी सुविधाएं मिलें तो वह पैरालंपिक खेलों में भी पदक जीत सकते हैं। वह मानते हैं कि विकलांगता पैर या हाथ के भंग होने से नहीं होती बल्कि यह तब होती है जब आप जो चाहते हैं उसे पाने की कोशिश नहीं करते हैं।
इब्राहिम अमातो मैन्स पैरा चैंपियन शिप के क्लास-6 स्पर्धा में अफ्रीकी पैरा टेबल टेनिस चैंपियनशिप में साल 2011 और 2013 में रजत पदक जीत चुके हैं और वह रियो में पैरालंपिक पदक जीतने के सपने के साथ आए हैं।