दक्षिण अफ्रीका की अंडर 19 टीम के कप्तान रह चुके कीटन जेनिंग्स ने भारत के खिलाफ मुंबई टेस्ट के पहले दिन शतक जड़कर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में धमाकेदार अंदाज में कदम रखा। दक्षिण अफ्रीका के जोहानेसबर्ग में जन्मे कीटन ने उसी स्कूल में शिक्षा हासिल की जहां दक्षिण अफ्रीका के सर्वकालिक महान कप्तानों में से एक ग्राह्म स्मिथ ने शिक्षा हासिल की थी। दक्षिण अफ्रीकी पिता रे जेनिंग्स और ब्रिटिश मां के बेटे जेनिंग्स 19 साल की उम्र तक दक्षिण अफ्रीका में ही रहे। लेकिन साल 2011 में वह अपनी मां के देश इंग्लैंड आ गए। इसके बाद इंग्लैंड में ही क्रिकेट खेलने लगे। पिता रे जेनिंग्स साल 2004 से 2005 के बीच दक्षिण अफ्रीकी टीम के कोच भी रहे हैं।
डरहम काउंटी के लिए खेलते हुए पिछले क्रिकेट सीजन में 24 वर्षीय कीटन जेनिंग्स ने 1602 रन बनाए। ये पिछले सीजन में किसी भी बल्लेबाज द्वारा बनाए गए सबसे ज्यादा रन थे। फॉर्म के उसी सिलसिले को उन्होंने भारत दौरे पर भी जारी रखा और मुंबई में 186 गेंदों में शतक जड़ डाला। हसीब हमीद की उंगली के टूट जाने के बाद ही उन्हें अंतिम 11 में शामिल होने का मौका मिला और उन्होंने अपने हाथ आए इस मौके को खाली नहीं जाने दिया।
जेनिंग्स से पहले भी दक्षिण अफ्रीका में जन्में कई क्रिकेटर इंग्लैंड के लिए टेस्ट क्रिकेट खेल चुके हैं। जिसमें मैट प्रायर, एंड्रयू स्ट्रॉस, केविन पीटरसन और जॉनेथन ट्रॉट जैसे खिलाड़ी शामिल हैं। जिनमें से स्ट्रॉस और पीटरसन तो इंग्लैंड के कप्तान भी बने। आइए इन खिलाड़ियों के करियर पर एक नज़र डालते हैं।
एंड्रयू स्ट्रॉस( पदार्पण 2004) इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस का जन्म दक्षिण अफ्रीका के जोहानेसबर्ग में हुआ था। स्ट्रॉस बेहद चमकदार या कहें चमक बिखेरने वाले खिलाड़ी भले ही न रहे हों लेकिन उन्होंने जिस अंदाज में 7 हजार से ज्यादा टेस्ट रन बनाए वह प्रभावशाली था। इस दौरान उन्होंने 21 शतक भी जड़े। उनकी और कुक की सलामी जोड़ी ने टेस्ट क्रिकेट की दुनिया में हर जगह धमाल मचाया। स्ट्रास के संन्यास लेने के बाद कुक के साथ 11 खिलाड़ी इंग्लैंड के लिए टेस्ट क्रिकेट में पारी की शुरुआत कर चुके हैं लेकिन अब तक स्ट्रास के जाने के बाद रिक्त हुई जगह को कोई भर नहीं सका है। स्लिप के बेहतरीन फील्डर रहे स्ट्रॉस ने अपनी कप्तानी में कोच एंडी फ्लावर के साथ मिलकर इंग्लैंड की टीम का कायाकल्प कर दिया था।
केविन पीटरसन( डेब्यु 2005): विश्व क्रिकेट के सबसे ज्यादा आकर्षक बल्लेबाजों में से एक रहे केविन पीटरसन का जन्म दक्षिण अफ्रीका में हुआ था। पीटरसन ने कोटा सिस्टम का विरोध करते हुए दक्षिण अफ्रीका छोड़ दिया था। इंग्लैंड की टीम में शामिल होने के बाद वह स्टार बन गए। इंग्लिश क्रिकेट को जिस स्टार अपील की जरूरत थी उसका दो तिहाई पीटरसन थे तो एक तिहाई एंड्रर्यू फ्लिंटॉफ। साथी खिलाड़ियो और टीम मैनेजमेंट के साथ विवाद के कारण केविन का करियर वक्त से पहले खत्म हो गया लेकिन इस दौरान पीटरसन ने 8 हजार से ज्यादा टेस्ट रन बनाए जिसमें 23 शतक शामिल थे। पीटरसन ने दिग्गज और स्टार खिलाड़ियों की मौजूदगी के बीच इंग्लैंड की टीम में अपनी जगह पक्की कर ली।
मैट प्रॉयरः 2007 में टेस्ट पदार्पण करने वाले दक्षिण अफ्रीकी मूल के विकेट कीपर थे जिन्होंने इंग्लैंड के लिए विकेटकीपिंग की। प्रॉयर ने टेस्ट क्रिकेट में 40 के औसत से रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 7 शतक भी जड़े जो कि टेस्ट मैच में 6वें नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले खिलाड़ियों के लिए संतोष जनक है। वो उन चुनिंदा विकेटकीपर बल्लेबाजों में से एक हैं जिन्होंने अपने डेब्यु टेस्ट में शतक जड़ा। आरंभिक उतारचढ़ाव के बाद वह टीम में जम गए और टीम धीरे-धीरे उनपर निर्भर हो गई। ग्रीम स्वान की बेहतरीन गेंदबाजी के सामने उन्होंने बेहतरीन विकेटकीपर की भूमिका अदा की।
जॉनेथन ट्रॉट: (डेब्यु 2009) जॉनेथन ट्रॉट भी ऐसे दक्षिण अफ्रीकी इंग्लिश क्रिकेटर हैं जिन्होंने डेब्यु में शतक जड़ा है। ट्रॉट टेस्ट क्रिकेट में संयम की मूर्ति नजर आते हैं। जिनकी रगों में खून दौड़ता है। ट्रॉट ने दक्षिण अफ्रीका के लिए अंडर-15 क्रिकेट और अंडर 19 विश्वकप खेला। इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड की ओर से क्रिकेट खेलने का निर्णय लिया। ट्रॉट ने नंबर 3 पर अपने आपको स्थापित किया।