ब्राजील के रियो में आयोजित 15वें पैरालंपिक खेलों का रविवार को समापन हो गया। चीन ने लगातार चौथी बार शीर्ष स्थान हासिल किया। रियो पैरालम्पिक इस मायने में भी खास रहा, क्योंकि इस दौरान सर्वाधिक 209 नए विश्व कीर्तिमान रचे गए। इन 209 विश्व कीर्तिमानों में भारतीय भाला फेंक एथलीट देवेंद्र झाझरिया का भी एक रिकॉर्ड शामिल है। एथेंस ओलम्पिक-2014 में विश्व कीर्तिमान रचकर स्वर्ण जीतने वाले झाझरिया ने 12 साल बाद पैरालम्पिक खेलों में वापसी करते हुए अपने पुराने विश्व कीर्तिमान को तोड़ा और भारत को स्वर्ण पदक दिलाया।
11 दिनों तक चले खेलों के इस महाकुंभ में मात्र भारत की ओर से 19 खिलाड़ियों के साथ उतरी और पैरालम्पिक खेलों के इतिहास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। भारत ने दो स्वर्ण पदक सहित कुल चार पदक अपने नाम किए और पदक तालिका में 47वां स्थान हासिल किया। एथेंस, बीजिंग और लंदन में हुए ग्रीष्मकालीन पैरालम्पिक खेलों में शीर्ष पर रहे चीन ने रियो में भी अपना दबदबा कायम रखा। चीनी टीम ने 107 स्वर्ण पदक जीते और किसी एक पैरालम्पिक खेलों में स्वर्ण पदकों का शतक लगाने वाला दुनिया की तीसरा देश बना। चीन ने 107 स्वर्ण, 81 रजत पदक और 51 कांस्य पदकों के साथ पैरालम्पिक खेलों में सर्वाधिक 239 पदक हासिल करने में सफल रहा। चीन से पहले अमेरिका और ब्रिटेन की संयुक्त मेजबानी में हुए पैरालम्पिक खेलों में अमेरिका (137) और ब्रिटेन (107) 100 या उससे अधिक स्वर्ण पदक जीतने वाले देश थे।
रियो में 159 देशों के 4,300 के करीब पैरा-एथलीट जुटे और 11 दिनों में 1,500 के करीब पदक जीतकर अपने-अपने देश को गौरवान्वित किया। ओलम्पिक खेलों के बाद पैरालम्पिक खेलों को फीकी प्रतिक्रिया मिलने और दर्शकों के न जुटने की शंका जताई जा रही थी, लेकिन पैरालम्पिक खेलों के दौरान 10 सितंबर को बारा ओलम्पिक पार्क में 1,72,000 दर्शक जुटे जो ओलम्पिक के दौरान जुटे सर्वाधिक दर्शकों से भी अधिक रहा। चीन ने सर्वाधिक 37 स्वर्ण पदक तैराकी में जीते जबकि तैराक हुआंग वेनपान रियो पैरालम्पिक में चीन के सबसे सफल एथलीट रहे। वेनपान ने रियो में पांच स्वर्ण पदक अपने नाम किए।