पुणे टेस्ट में ऑस्ट्रलिया से मिली 333 रनों की हार विराट कोहली के कप्तानी करियर की सबसे शर्मनाक हार है। साल 2014 में जब विराट ने ऑस्ट्रेलियाई धरती पर पहली बार टीम इंडिया की कमान संभाली थी उस वक्त भी ऑस्ट्रेलिया की तेज पिचों पर भारतीय बल्लेबाजों ने इस तरह घुटने नहीं टेके थे जिस तरह वे पुणे में बेबस नजर आए। टीम इंडिया दोनों पारियों में कुल मिलाकर 212 रन ही जोड़ सकी। जो कि ऑस्ट्रेलिया की दोनों पारियों में बनाए स्कोर से भी कम था। निश्चित तौर पर पुणे की हार विराट को बतौर कप्तान और बल्लेबाज बहुत जोर से चुभ रही होगी। इसलिए विराट बेंगलुरु में 4 फरवरी से शुरू हो रहे सीरीज के दूसरे टेस्ट में जीत दर्ज करने के लिए नए सिरे से रणनीति तैयार कर रहे हैं। विराट बेंगलुरु में जीत दर्ज कर सीरीज में वापसी के लिए बड़े रणनीतिक बदलाव कर सकते हैं।
करुण नायर की होगी वापसी
विराट कोहली जबसे कप्तान बने हैं तब से अब तक हर टेस्ट में उन्होंने टीम में बदलाव किया है। ऐसे में पुणे टेस्ट में टीम इंडिया की कमजोर कड़ी रहे इशांत शर्मा और जयंत यादव को टीम से बाहर का रास्ता दिखा दें तो किसी को ताज्जुब नहीं होना चाहिए। भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन भी यह कह चुके हैं कि इशांत और जयंत को बेंगलुरु में बाहर बैठना पड़ सकता है।
इन दोनों खिलाड़ियों के अंतिम ग्यारह से बाहर जाते ही इंग्लैंड के खिलाफ तिहरा शतक जमाने वाले करुण नायर की टीम में वापसी हो जाएगी। करुण का दावा इसलिए भी मजबूत नजर आ रहा है क्योंकि चिन्नास्वामी स्टेडियम नायर का घरेलू मैदान है। वह यहां की कंडीशन्स से अच्छी तरह वाकिफ हैं ऐसे में किसी भी स्थिति में वह इस मैदान पर बल्लेबाजी कर सकते हैं। उनके टीम में शामिल होने से बल्लेबाजी में गहराई भी बढ़ेगी। जिसका फायदा निश्चित तौर पर टीम इंडिया को मिलेगा।
पांड्या करेंगे टेस्ट डेब्यू
लंबे समय से टेस्ट टीम में बेंच की शोभा बढ़ा रहे हार्दिक पांड्या को बेंगलुरु में करियर का पहला टेस्ट खेलने का मौका मिल जाए। यदि करुण नायर टीम में आते हैं तो इशांत की जगह पांड्या ले सकते हैं। पांड्या की गेंदबाजी के साथ-साथ बल्लेबाजी कर सकने की क्षमता भी टीम इंडिया के लिए फायदेमंद साबित होगी। इशांत पुणे में एक भी विकेट हासिल नहीं कर सके। पहली पारी में इशांत ने 11 ओवर में 27 रन दिए और कोई विकेट नहीं लिया। वहीं दूसरी पारी में विराट ने उनसे केवल 3 ओवर गेंदबाजी करवाई। इसका सीधा सा मतलब यह है कि इशांत मैच में अपना प्रभाव नहीं डाल पाए। वहीं दूसरी तरफ उमेश यादव ने दोनों पारियों को मिलाकर 25 ओवर गेंदबाजी की और 71 रन देकर 6 विकेट भी हासिल किए।
बेंगलुरु में यदि पिच एक बार फिर स्पिनरों के लिए मददगार हुई तो कुलदीप यादव को अपना पहला टेस्ट खेलने का मौका मिल सकता है। हो सकता है विराट एक तेज गेंदबाज और तीन स्पिनर्स पर अपना दांव खेलें। लेकिन ऐसी संभावना कम ही नजर आ रही है। पांड्या और नायर ही विराट के लिए अंतिम विकल्प साबित होंगे।