पैरालंपिक एथलीट दीपा मलिक ने सोमवार को रियो में इतिहास रच दिया। 45 वर्षीय दीपा ने महिलाओं की शॉट पुट एफ-53 स्पर्धा में 4.61 मीटर थ्रो फेंककर रजत पदक जीता। वह पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं। दीपा ने छठवें और आखिरी प्रयास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। दीपा के पदक के साथ पैरालंपिक में भारत के पदकों की संख्या तीन हो गई है।
दीपा को सिर्फ शॉट पुट ही नहीं बल्कि अन्य कई खेलों में भी महारत हासिल है। वह राष्ट्रीय स्तर पर जेवलीन थ्रो के साथ तैराकी में भी पदक जीत चुकी हैं। जेवलीन थ्रो में वह एशिया की रिकॉर्डधारी हैं।
1999 में रीढ़ की हड्डी में ट्यूमर होने से दीपा की कमर के नीचे का हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया। इससे वह व्हीलचेयर पर आ गईं। दो बच्चों की मां दीपा की 31 बार सर्जरी हुई लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। दीपा ने 2009 में रेड-डि-हिमालयन रैली में शिरकत की। दीपा बाइकिंग को अपना पैशन बताती हैं।उनके पति सेना में कर्नल हैं।