भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों द्वारा लगातार दो ओलंपिक खेलों में दो पदक जीतने से उत्साहित भारतीय बैडमिंटन एसोसिएशन ने देश के युवा बैडमिंटन खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने वाले प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए ‘शटल टाइम’ नामक स्कूल कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नए प्रशिक्षकों, स्कूल प्रशिक्षकों और शारीरिक शिक्षा शिक्षकों की मदद कर उनके कौशल में सुधार लाना और उन्हें विश्व बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) से प्रमाणित करवाना है। इस कार्यक्रम की शुरुआत शनिवार को नई दिल्ली के लुडलो कैसल स्कूल में हुई।
युवाओं में बैडमिंटन के प्रति रुचि बढ़ाएगा
कार्यक्रम को लॉन्च करते हुए बीएआई के अध्यक्ष ने कहा कि भारत में बैडमिंटन तेज़ी से विकसित और लोकप्रिय हो रहा है। यह कार्यक्रम देश में बैडमिंटन की लोकप्रियता बढ़ाने में कारगर साबित होगा तथा युवाओं में बैडमिंटन के प्रति रुचि बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि शारीरिक शिक्षा के अध्यापक एवं स्थानीय कोच पहले व्यक्ति हैं जो हमारे भविष्य के सितारों को प्रशिक्षित करते हैं। इस स्तर पर खिलाड़ियों पर ध्यान देना जरूरी है ताकि उन्हें प्रारंभिक दौर में ही सही दिशा निर्देश और प्रशिक्षण मिल सके।
‘शटल टाइम’ कार्यक्रम के अंतर्गत शारीरिक शिक्षा के अध्यापकों और कोचों को इस बात का प्रशिक्षण दिया जाएगा कि उन्हें युवाओं एवं बच्चों को किस तरह बैडमिंटन का प्रशिक्षण देना चाहिए। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को बीडब्ल्यूएफ के कोचों द्वारा मार्गदर्शन और तकनीकी ज्ञान दिया जाएगा। साथ ही शिक्षकों के लिए मैन्युअल, वर्क प्लान और वीडियो क्लिप मुहैया कराई जाएंगी। उन्हें ऐसी तकनीकें सिखाई जा रही हैं जो बच्चों में खेल के प्रति उत्साह पैदा करने में कारगर होंगी।
यह पहल यह दीर्घकालिक दृष्टिकोण
इस दौरान भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के महानिदेशक इनजेती श्रीनिवास ने कहा, भारतीय बैडमिंटन संघ खेल को बढ़ावा देने के लिए सभी स्तर पर काम कर रही है। शटल टाइम कार्यक्रम बीएआई द्वारा कोचों और पीई शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का माध्यम है। जोकि जमीनी स्तर पर युवा प्रतिभा को तराशेगी। यह पहल यह दीर्घकालिक दृष्टिकोण है जो स्कूली बच्चों में बैडमिंटन के खेल को बढा़वा देगा रोचक तरीकों से बैडमिंटन में उनकी रुचि बढ़ाएगा।