एक कहावत है ‘जब किस्मत खराब हो तो ऊंट पर बैठ होने पर भी कुत्ता काट जाता है’। जी हां, यह कहावत भारत और न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली जा रही टेस्ट सीरीज के कानपुर में खेले जा रहे टेस्ट मैच में चरितार्थ हुई। पूरा दिन भारतीय गेंदबाज एक से दूसरा विकेट पाने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे थे तभी किस्मत ने एक ही दिन में कई बार उन्हें दगा दे दिया।
टीम इंडिया के लिए खराब किस्मत का पहला मौका न्यूजीलैंड की पारी के 32वां ओवर में आया। इस ओवर में आर अश्विन गेंदबाजी कर रहे थे। अश्विन के इस ओवर की चौथी गेंद पर किवी कप्तान केन विलियमसन देंग को स्वीप करने के चक्कर में अपना विकेट गंवा बैठते, लेकिन अश्विन की किस्मत दगा दे गई। विलियमसन गेंद को खेलने से चूक गए इसके बाद गेंद उनके हेलमेट के पीछे जाकर लगी। इस दौरान उनके हेलमेट का फ्लैप स्टंप से जा टकराया लेकिन वह खुशकिस्मत रहे कि गिल्लियां नीचे नहीं गिरीं इस कारण अंपायर ने उन्हें आउट नहीं दिया। जब यह घटना हुई तब उनका विलियमसन 39 रन पर खेल रहे थे। लेकिन दिन का खेल खत्म होने पर वह 65 रन पर नाबाद पवेलियन लौटे।
भारतीय टीम की बदकिस्मती का क्रम यहीं नहीं रुका। रविंद्र जड़ेजा के ओवर में बाएं हाथ के बल्लेबाज लाथम ने ऑफ स्टंप के बाहर की गेंद को स्वीप करने की कोशिश की। इस दौरान गेंद उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेने के बाद उनके जूते पर लगी। इसके बाद गेंद जूते से उछलकर फॉरवर्ड शार्ट लेग प मुस्तैदी से खड़े लोकेश राहुल के हाथों में पहुंच गई। भारतीय टीम ने आउट की अपील की लेकिन मैदानी अंपायरों ने पहले तो लाथम को नॉटआउट करार दिया, लेकिन आपसी सहमति के बाद अंपायरो ने तीसरे अंपायर को निर्णय करने के लिए कहा।
तीसरे अंपायर ने यह पाया कि गेंद बैट्समैन के बल्ले और जूते से लगकर राहुल के हाथ में तो पहुंची लेकिन इससे पहले वह उनके हेलमेट की ग्रिल से टकरा गई। नियमानुसार मैदान में फील्डरों द्वारा उपयोग किए जा रहे किसी भी प्रोटेक्शन उपकरण पर यदि गेंद कैच पकड़ने से पहले टकराती है तो बल्लेबाज को आउट नहीं दिया जा सकता। ऐसे में जब तीसरे अंपायर का फैसला आया तो टीम इंडिया अचंभे में पड़ गई क्योंकि वो इस बात को लेकर संतुष्ट थे कि गेंद बल्ले से लगकर राहुल के हाथ में गई है। तीसरे अंपायर द्वारा फैसला दिए जाने के बाद भी कप्तान विराट कोहली ग्राउंड अपायर से नॉट आउट दिए जाने का कारण पूछने गए तो अंपायर उपरोक्त नियम का हवाला दिया। इस नियम की जानकारी भारतीय खिलाड़ियों को नहीं थी।