पैरालंपिक में देवेंद्र झाझरिया का करिश्मा, अपना ही रिकॉर्ड तोड़ जीता गोल्ड

devendra-jhajhariaरियो पैरालंपिक भारत के लिए बेहद सफल साबित हो रहे हैं।भारत को आज एक और स्वर्ण पदक हासिल हुआ है। इस बार स्वर्ण पदक राजस्थान के देवेंद्र झाझरिया ने भाला फेंक प्रतिस्पर्धा में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए जीता है। देवेंद्र ने 63.97 मीटर भाला फेंककर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया।

यह देवेंद्र का पैरालंपिक में दूसरा स्वर्ण पदक है। इससे पहले उन्होंने 2004 के ग्रीस पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। दो ओलंपिक स्वर्णपदक जीतने वाले वह पहले भारतीय हैं। साल 2008 और 2012 में भाला फ़ेंक को पैरालंपिक मैं शामिल।नहीं किया गया था इस कारण वह अपना विजयी सफर जारी नहीं रख सके। लेकिन उन्हें जब मौका मिला उन्होंने अपनी योग्यता एक बार फिर साबित कर दी ।

देवेंद्र ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ ये पदक हासिल किया है। देवेंद्र ने 63.97 मीटर दूर जेवलिन फेंक कर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। एथेंस पैरालंपिक में उन्होंने 62.15 मीटर जेवलिन फेंका था, जो कि एक वर्ल्ड रिकॉर्ड था।

इससे पहले, रियो पैरालंपिक में भारत एक गोल्ड, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल जीत चुका है। यह रियो पैरालंपिक मैं भारतीय टीम का चौथा पदक है। भारतीय दाल में 20 खिलाड़ी शामिल हैं।

35 साल के देवेंद्र राजस्थान के चुरू के रहने वाले हैं। राजस्थान के चूरू जिले के रहने वाले देवेंद्र झाझरिया ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा था कि वह जब आठ साल के थे तब एक बार गांव में पेड़ पर चढ़ रहे थे। तभी उनका हाथ बिजली के तार से लगा। 11000 वॉल्ट के बहते करंट के कारण पूरा हाथ झुलस गया। डॉक्टरों ने बहुत कोशिश की लेकिन दायां हाथ बाद में काटना पड़ा था

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